कोरोना वायरस की शुरुआत 2019 में हुई थी। शुरुआत में इसका असर ज़्यादा नहीं था, लेकिन समय के साथ-साथ इसका असर इस तरह बढ़ा कि हालात सुधारने के लिए लॉकडाउन लगाना पड़ा। पहला लॉकडाउन मार्च, 2020 में लगाया गया था, जिससे देश भर के बिज़नेस पर असर पड़ा। लॉकडाउन ने व्यवसायियों की कमर तोड़ दी और देश की अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हो गई। लॉकडाउन हटने के बाद हालात में धीरे-धीरे सुधार हो ही रहा था कि 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने फिर से बिज़नेस की हालत ख़राब कर दी। अब हमारे सामने कोरोना की तीसरी लहर भी है, जिसका असर बिज़नेस पर पड़ना शुरू हो गया है।
लोगों को उम्मीद थी कि साल 2022 पहले से बेहतर होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साल शुरू होते ही कोरोना महामारी ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया। इसका प्रभाव पूरे देश में दिख रहा है। कोरोना की वजह से कई जगहों पर वीकेंड लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं, तो कहीं पर नाइट कर्फ़्यू लगाए जा रहे हैं। कोरोना का सबसे ज़्यादा प्रभाव व्यवसायियों पर देखने को मिल रहा है। कई सेक्टर में दूसरे लॉकडाउन के बाद से धीरे-धीरे सुधार हो रहा था, लेकिन तीसरी लहर ने एक बार फिर से भारतीय बाज़ार में मंदी ला दी है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर, आभूषण सेक्टर, रेडीमेड सेक्टर हो या ट्रैवेल और टूरिज़्म सेक्टर हो सबकी हालत धीरे-धीरे ख़राब होने लगी है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि कोरोना की तीसरी लहर से कौन से ऐसे 5 बिज़नेस हैं, जिन पर असर पड़ सकता है। साथ ही इसी ब्लॉग में हम यह भी बताएंगे कि आप किस तरह से कोरोना के प्रभाव को अपने बिज़नेस के लिए थोड़ा कम कर सकते हैं।
इन बिज़नेस पर पड़ सकता है कोरोना का असर:
एविएशन/ट्रैवेल और टूरिज़्म सेक्टर:
जिस तरह से रोज़ाना कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए कह सकते हैं कि आने वाले दिनों में यह स्थिति और ख़राब हो सकती है। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हो सकता है कि पिछली बार की तरह इस बार भी कहीं आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाए। इससे एविएशन/ट्रैवेल और टूरिज़्म सेक्टर पर असर पड़ सकता है। कोरोना की वजह से लोग यात्रा के लिए बाहर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि ज़्यादातर जगहें बंद हो चुकी हैं या तो उन पर पाबंदी लगा दी गई है। ज़्यादातर लोग नया साल मानने के लिए कहीं न कहीं घूमने जाते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से इस साल बहुत कम लोग ही बाहर जा पाए। कई लोगों ने अपने ट्रैवेल प्लान को आगे बढ़ाते हुए टिकट भी कैंसल करना शुरू कर दिया है, जो इस सेक्टर के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर:
कोरोना महामारी की वजह से पिछली बार हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा था। उम्मीद थी कि इस बार ऐसा नहीं होगा, पर वर्तमान हालात कुछ और ही कह रहे हैं। नए साल की शुरुआत ही लोगों ने घर में बंद रहकर की। कई बड़े शहरों में 31 दिसंबर, 2021 की रात से ही कर्फ़्यू लगा दिया गया था। जिस वजह से पब, बार, रेस्टोरेंट्स का बिज़नेस बहुत कम हो पाया। अभी हालत ये है कि कोरोना के डर से लोगों ने घर से बाहर निकलना कम कर दिया है। अब लोग रेस्टोरेंट में जाकर खाने की बजाय फिर से घर पर ऑर्डर करके खा रहे हैं। इसके साथ ही होटल और रिज़ॉर्ट में भी काफ़ी कम बुकिंग हो रही है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं और आने वाले समय में यह स्थिति और भी ख़राब हो सकती है, जिसका असर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर पड़ सकता है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर:
भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर की हालत पहले से ही ख़राब चल रही थी और कोरोना महामारी की वजह से लगे पहले लॉकडाउन ने इस सेक्टर की हालत और ज़्यादा ख़स्ता कर दी। लॉकडाउन की वजह से ऑटोमोबाइल की मांग काफ़ी गिर गई, जिसकी वजह से प्रोडक्शन कम करना पड़ा और काफ़ी लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी। जानकारी के अनुसार, ऑटोमोबाइल उद्योग में इस्तेमाल होने वाले सारे पार्ट्स एक जगह नहीं बनते हैं। ऐसे में उन्हें अलग-अलग जगहों से मंगाना पड़ता है। कुछ पार्ट्स दूसरे देशों से भी मंगाने पड़ते हैं। ऐसे में अगर कोरोना की तीसरी लहर की वजह से लॉकडाउन लगाया गया, तो पार्ट्स को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने में परेशानी होगी। अब अगर गाड़ी के सारे पार्ट्स एक जगह नहीं होंगे, तो गाड़ी तैयार कैसे होगी, जिससे इस सेक्टर पर बहुत ज़्यादा असर पड़ सकता है।
फ़ार्मा सेक्टर:
फ़ार्मा सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है, जिसके बारे में हमेशा कहा जाता है कि इसमें हर समय काफ़ी फ़ायदा होता है। हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के समय हम सभी ने देखा था कि किस तरह से देश में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी। इसके साथ ही कुछ ख़ास दवाओं के साथ ही सैनिटाइज़र, मास्क की भी काफ़ी कमी देखी गई थी। कोरोना के समय कुछ ख़ास दवाओं की ज़्यादा मांग होती है, ऐसे में अगर समय पर उनका प्रोडक्शन नहीं किया गया, तो कमी की वजह से बिज़नेस और लोगों के जीवन दोनों पर असर पड़ सकता है। कुछ दिनों पहले Dolo 650 टैबलेट की मांग अचानक से बहुत ज़्यादा बढ़ गई थी, जिससे दूसरी दवाओं की मांग पर असर पड़ा था। इसे देखते हुए कह सकते हैं कि कोरोना का असर फ़ार्मा सेक्टर पर भले ही ज़्यादा न पड़े, लेकिन असर पड़ सकता है।
जूलरी/हीरे और जवाहरात का बिज़नेस:
BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले लॉकडाउन की वजह इस सेक्टर को लगभग सवा अरब डॉलर का नुक़सान होने की आशंका थी। दरअसल, भारत के तराशे और पॉलिश किए हुए हीरो का सबसे बड़ा निर्यात केंद्र चीन और हॉन्ग कॉन्ग है। पिछली बार इन दोनों ही जगहों पर कोरोना महामारी का बहुत बुरा असर हुआ था। यह किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से ही हुई थी। ऐसे में अगर इस बार भी कोरोना के मामले ज़्यादा बढ़े और पूरी तरह लॉकडाउन लगाने की स्थिति उत्पन्न हुई तो इन देशों में होने वाला निर्यात बंद हो जाएगा। जिसका असर जूलरी/हीरे और जवाहरात के बिज़नेस पर पड़ सकता है। इसके अलावा लॉकडाउन की वजह से शादी-ब्याह भी कम हो गए हैं और लोग ज़्यादा जूलरी नहीं ख़रीद रहे हैं, जिसका असर भी इस बिज़नेस पर देखा जा सकता है।
ऊपर बताए गए पांच बिज़नेस के अलावा हर तरह के ऑफ़लाइन बिज़नेस पर भी पिछले लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा था। अगर इस बार भी पिछली बार जैसे हालात उत्पन्न हुए, तो उम्मीद है कि इस बार भी ऑफ़लाइन बिज़नेस पर असर पड़ सकता है। इस स्थिति से पूरी तरह बचा तो नहीं जा सकता है, लेकिन इसके प्रभाव को कम ज़रूर किया जा सकता है।
कोरोना के प्रभाव से अपने बिज़नेस को कैसे बचाएं?
हर तरह के बिज़नेस को कोरोना के प्रभाव से नहीं बचाया जा सकता है, लेकिन कुछ बिज़नेस हैं, जिन्हें लॉकडाउन में भी आसानी से चलाया जा सकता है। ऐसे ही कुछ बिज़नेस पर कोरोना का ज़्यादा असर न पड़े, इसके लिए आप नीचे बताए गए उपायों का पालन कर सकते हैं।
- अगर आप किराने की दुकान, इलेक्ट्रॉनिक स्टोर, कपड़े की दुकान जैसे स्मॉल बिज़नेस चलाते हैं, तो कोशिश करें कि उसे ऑफ़लाइन के साथ-साथ ही ऑनलाइन कर लें। आप ये सारी चीजें फ़्लिपकार्ट या अमेजन के ज़रिए ऑनलाइन भी बेच सकते हैं। आपने भी देखा होगा कि लॉकडाउन में जहां ऑफ़लाइन बिज़नेस पूरी तरह से ठप पड़ गए थे, वहीं ऑनलाइन बिज़नेस मज़े से कमाई कर रहे थे। इसलिए आप भी जितनी जल्दी हो अपना बिज़नेस ऑनलाइन कर लें।
- लॉकडाउन की वजह से अगर बिक्री कम हो जाए तो आप कम से कम कर्मचारियों की मदद से भी अपना बिज़नेस चला सकते हैं। बिज़नेस मैनेज़ करने के लिए ज़्यादा कर्मचारियों की बजाय आप बिज़नेस से जुड़े कोई सॉफ़्टवेयर या ऐप इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपकी बिज़नेस मैनेज़ करने में मदद करें। इससे आप कम कर्मचारी रखकर भी अपना बिज़नेस चला सकते हैं और प्रॉफ़िट कमा सकते हैं। OpenBook एक ऐसा ही ऐप है, जो ऑनलाइन बिज़नेस बैंकिंग, बिलिंग और अकाउंटिंग की सुविधा देता है। इसकी मदद से आप कम कर्मचारियों के साथ भी अपना बिज़नेस बड़ी आसानी से मैनेज़ कर सकते हैं।
- अगर आप हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़े बिज़नेस जैसे रेस्टोरेंट चलाते हैं, तो आपको अपने रेस्टोरेंट को जोमैटो और स्विगी पर लिस्ट कर देना चाहिए। इससे आपके ग्राहक या दूसरे नए ग्राहक सीधे ऐप की मदद से आपके रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर कर सकते हैं। इस तरह लॉकडाउन लगने पर भी आप अपना रेस्टोरेंट का बिज़नेस चला सकते हैं।
कोरोना महामारी के असर को पूरी तरह से ख़त्म नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इससे बचा ज़रूर जा सकता है। इससे बचने के लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और खुद को दूर रखें, हर समय मास्क लगाएं, सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें, बीमारी के कोई भी लक्षण दिखने पर RTPCR टेस्ट करवाएं। इन सब तरीक़ों का इस्तेमाल करके आप खुद को और अपने करीबी लोगों को सुरक्षित रख सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही इस महामारी का अंत हो जाएगा और आपके जीवन एवं बिज़नेस दोनों में सुधार होगा।